पटना 24 दिसंबर 2024: बिहार विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली सीट को लेकर राजनीति जोर आजमाइश तेज हो गई है। राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली के लिए नाम की सिफारिश राज्य सरकार करती है। ऐसी संभावना रहती है कि जिसकी सरकार रहती है उसी दल का दबदबा कायम रहता है। बताया जा रहा है कि जल्द ही एनडीए के सभी घटक दल आपस में चर्चा करके राज्यपाल कोटे से मनोनयन सदस्य की लिस्ट राजभवन भेज देंगे। संविधान की धारा 171 के अनुसार विधानसभा में कुल सदस्य संख्या के अधिकतम एक तिहाई सदस्य विधान परिषद में हो सकते हैं। इस लिहाज से 243 सीटों वाली बिहार विधान सभा के एक तिहाई यानि 81 सदस्य परिषद में हो सकते हैं। अभी विधान परिषद की मौजूदा सदस्य संख्या को बढ़ाने पर विचार चल रहा है।
अभी विप में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के 6 यानी 12, स्थानीय निकायों से निर्वाचित 24, राज्यपाल द्वारा मनोनीत विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले 12 सदस्य होते हैं। बिहार चंपारण के रहने वाले समाजसेवी और बिजनेसमैन रूपेश पाण्डेय अब राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं।
रूपेश पांडेय को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस बार उनकी विधान परिषद में एमएलसी के रूप में एंट्री हो सकती है। बैंकिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाने वाले जाने माने बिजनेसमैन व सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश पांडेय बिहार के युवाओं के लिए काफी कुछ करने की प्लानिंग कर रहे हैं। उनका प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा काम करने का है।
इसके अलावा रूपेश पाण्डेय बिहार में इंडस्टी लगाने जा रहे हैं। उनके इस प्रयास से बिहार में तमाम रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बता दें कि रूपेश पाण्डेय ईस्टर्न हाईलैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के फाउंडर और सह-चेयरमैन हैं। बिजनेसमैन के साथ साथ वे काफी समय से सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं और जरूरतमंदो लोगों की सहायता करते रहते हैं।
रूपेश पाण्डेय शिक्षा के माध्यम से बिहार के युवाओं को बड़े पैमाने पर शिक्षित करने का प्लान बना रहा हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनका मानना है कि अगर युवा शिक्षित होंगे तो रोजगार खुद सामने से आएगा। शिक्षा ही एक ऐसा चीज है जिस पर व्यक्ति का खुद का अधिकार होता है। इसे ना कोई चुरा सकता है और ना कोई बांट सकता है।
शिक्षा के माध्यम से ही इंसान अपने जीवन को सुखमय बना सकता है। रूपेश पांडे की सोच और उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों को देखते हुए बिहार सरकार उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। इस बार उनकी बिहार विधान परिषद में एमएलसी के जबरदस्त दावेदारी देखी जा रही है।